कुलशेखर आलवार वाक्य
उच्चारण: [ kuleshekher aalevaar ]
उदाहरण वाक्य
- कहा जाता है कि कुलशेखर आलवार नामक प्रथम कुलशेखर राजा ने ' पेरुमाल तिरुमोषि' नामक तमिल ग्रंथ तथा 'मुकुन्दमाला' नामक संस्कृत काव्य की रचना की ।
- कहा जाता है कि कुलशेखर आलवार नामक प्रथम कुलशेखर राजा ने ' पेरुमाल तिरुमोषि' नामक तमिल ग्रंथ तथा 'मुकुन्दमाला' नामक संस्कृत काव्य की रचना की ।
- ये है-पोयगै आलवार (सरोयोगिन), भुतत्तु आलवार (भूत योगिन), पेय् आलवार (महायोगिन), तिरुमलिशै आलवार (भक्तिसार), नम्मालवार (शठकोप), मधुरकवि (मधुर कवि), कुलशेखर आलवार (कुलशेखर), पेरियालवार (विष्णुचित्त), आण्डाल (गोदा), तोण्डर अडियोपोडि (भक्ताङघ्रिरेणु), तिरुप्पाणालवार (योगिवाह), तिरुमंगै आलवार (परकाल) ।
- इस साम्राज्य का शासन तेरह सम्राटों ने चलाया-कुलशेखर आलवार (800-820), राजशेखर वर्मा (820-844), स्थाणु रविवर्मा (844-885), रामवर्मा कुलशेखरन (885-917), गोदारविवर्मा (917-944), इन्दुक्कोता वर्मा (944-962), भास्कर रविवर्मा प्रथम (962-1019), भास्कर रविवर्मा (1019-1021), वीरकेलन (1022-1028), राजसिंहन (1028-1043), भास्कर रविवर्मा तृतीय (1043-1082), रवि रामवर्मा (1082-1090) और रामवर्मा कुलशेखरन (1090-1102)